Saturday, 3 December 2011

Mr. Anil Kalwani’s Blog – Speak Asia hamara khyal karo

नमस्कार भाइयो
स्पिक एशिया और हम
२० लाख परिवारों की चिंता ना करके स्टार न्यूज़ ने अपनी TRP बढाने का खूब दायित्व निभाया (तारीफ के काबिल है स्टार न्यूज़ के निष्ठावान पत्रकार जिन्हें २० लाख परिवारों से ज्यादा चिंता अपने मालिक की चैनल की है )
अब सरकार जिन्हें आम जनता अपना माई बाप कहती है माई बाप मतलब माता पिता
अब सरकार या इसके नुमायिंदे (नेता) जिनका हम दायित्व है कुछ स्टार न्यूज़ के पत्रकारों से ही सिख ले की दायित्व कैसे निभाया जाता है
हमें हमारे देश की न्याय प्रणाली को कोई दोष नहीं देना है और ना हमें इसकी सच्चाई पर कोई शक या शंका है
पर जिस तरह जाँच के नाम पर दिन पर दिन तारीखे बड़ाई जा रही है वो कही ना कही मन में असहजता का बिज बो रही है
जाँच हो निष्पक्ष हो कोई तकलीफ नहीं ना ही हमारा इरादा ये है की जाँच रोककर सब नियम ताक़ पर रखकर स्पिक एशिया को भारत में काम करने की अनुमति दे दी जाये
पर इस सब के बिच पेनलिस्ट नाम के जो प्राणी पिस रहे है उनके बारे में सबसे पहले त्वरित हल निकल कर उनका हक़ दिलाने की पहल करने की सख्त जरुरत है
कोई भी कम्पनी जब किसी गलती की वजह से जाँच के दायरे आती है तो उस कम्पनी से जुड़े कर्मियों को कभी आर्थिक तकलीफ (जैसे उनकी वेतन रोकना या नौकरी छुडवा देना ) नहीं दी जाती है
अब 2G घोटाला को ही देख लीजिये पर इसके दायरे में आने वाली कम्पनियों के कर्मियों का काम और वेतन सुचारू रूप से चालू है जबकि जाँच
पर इससे कोई फर्क नहीं पड रहा है
तो हमारा (हम २० लाख पेनलिस्ट ) भी उन सभी जाँच एजेंसियों से यही कहना है की आप अपनी जाँच में कोई कमी ना छोड़े पर हमारे पैसो को लेकर तुरंत कोई सकारात्मक कदम उठाये अगर कम्पनी कही गलत है तो नियमो के दायरे में जो भी सजा तजवीज होती है दे (जैसे कोई आर्थिक दंड या अग्रिम जमा राशी )
जब किसी तारीख के बाद कोई दूसरी तारीख दी जाती है तब तारीख देने वाले के वो मात्र १ हफ्ता या १० दिन लगते है पर हम पेनलिस्ट के दिल में एक बार झांक कर देखिये की हम किस बेसब्री से उस आने वाली तारीख को किसी सकारात्मक फैसले की कामना करते है और जब हमें उस आई हुई तारीख पर अगली तारीख फिर से मिलती है तो ऐसा लगता है हम एक बार फिर बुरी तरह से लुट गए
जाँच में स्पिक एशिया तो पाक साफ निकलेगी इसमें हमें कोई शक नहीं है
पर ये हर बार मिलने वाली तारीखे जैसे हमारी की हुई एक गलती की बार बार सजा है
जो भी जाँच एजेंसिया इस प्रकरण में निर्णायक की भूमिका निभाने वाली है उनसे निवेदन है की माई बाप कृपया अपने बच्चो का ख्याल करो
वे मुसीबत में है
धन्यवाद
अनिल कालवानी

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