Friday, 25 November 2011

Speak Asia News 25 November 2011

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा का सिप्क एशिया के पनेलिस्ट्स को परेशान करने का एक नया पैंतरा....( वैसे तो ये पैंतरा काफी पुराना है...)

जैसा के सभी जानते है के माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार २१ नवम्बर २०११ को सुप्रीम कोर्ट के माजी न्यायमूर्ति श्री लाहोटी जी के अध्यक्षता में स्पिक एशिया के मामले में एक कमिटी गठित कराइ गयी थी और सभी सरकारी एजन्सिज को अपनी रिपोर्ट श्री लाहोटी जी के सामने २१ नवम्बर २०११ को पेश करनी थी परन्तु किसी कारणवश यह मीटिंग २८ नवम्बर २०११ को दोबारा से तय की गयी.और सबको ये लग ही रहा था के अब ये मीटिंग हर हाल में होकर रहेगी और कम से कम पनेलिस्ट्स के लिए कोई न कोई रहत की खबर जरुर मिलेगी, के तभी अचानक से स्पिक एशिया पनेलिस्ट असोसिएशन के अध्यक्ष श्री मेल्विन क्रेस्तो साहब को कल देर रात को पूछताछ के बहाने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया..... ये ऐसा पहली बार नहीं हुआ है दोस्तों अगर आपको याद हो तो आपको भी ये बात जरुर समझ में आएगी की जब भी स्पिक एशिया का मामला अंतिम चरण में होता है बस उसके २ या ३ दिन पहले कुछ ऐसा होता है के सबको कम से कम १५ से २० दिन के लम्बे इंतज़ार में दिन काटने पड़ते है.....

आखिर कब तक ये सिलसिला ऐसे ही जारी रहेगा और हम स्पिक एशियन कब तक यूँही इंतज़ार करते रहेंगे...? आखिर ये लोग चाहते क्या है..? क्यों इतना परेशान किया जार रहा है..? जब भी कोई positive बात स्पिक एशिया के साथ होती है तो एक भी न्यूज़ चैनल इसके बारमे कभी कुछ नहीं बोलता लेकिन जब भी कोई ऐसी घटना हो जाए जो स्पिक एशिया के खिलाफ हो सारे न्यूज़ चैनल एक साथ भोंकने लगते है... ऐसा क्यों...? आखिर सरकार और सरकारी एजन्सिज चाहती क्या है..? कब तक हम लोगों को यूँही परेशान किया जायेगा.. सारे देश से २० लाख स्पिक एशियन स्पिक एशिया की वापसी की आस लगाये बैठे है.. सबको विश्वास भी है के स्पिक एशिया जरुर वापस आएगी... लेकिन सरकारी एजंसिस के रवय्ये से तो ऐसा लग रहा है के वे नहीं चाहते के स्पिक एशिया लौटे क्यों के स्पिक एशिया के लौटने से उनको कोई फायदा नहीं है..इसलिए तो ये लोग हमारे साथ ऐसा गन्दा खेल खेल रहे है. आज ये बात तो साबित हो चुकी है की भारतमे ब्र्हष्ठाचार कितनी गहराई तक है और उसका उदहारण हम सभी को देखने को मिल ही रहा है..

एक और बात मई आप सभी के निर्देश में लाने की कोशिश करना चाहता हूँ वो ये है के २० अगस्त २०११ को स्पिक एशिया पनेलिस्ट्स असोसिअशन की और से इ. ओ .डब्लू. के खिलाफ एक जनहित याचिका मुंबई उच्च न्यायलय में दाखिल की गयी थी तब से लेकर अब तक इ. ओ.डब्लू. को को श्री मेल्विन क्रेस्तो साहब की पूछताछ करने की नहीं सूझी और जैसे ही वो याचिका खारिज कर दी गयी बस तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया... और कुछ नहीं बस यही कहना चाहूँगा के अब इसमें बेचारे मेल्विन सर कब तक पिसते रहेंगे अब ये तो पता नहीं उनके परिवार पर क्या बीत रही होंगी ये भी पता नहीं.. और क्या कम्पनी उनको या उनके परिवार को कोई सहारा देंगी ये भी पता नहीं..

पर आखिर में दुःख इसीस बात का होता है के कंपनी के लिए पनेलिस्ट अपनी जी जान लुटाने पे तुला है लेकिन कंपनी ने अब तक ऐसा कोई ठोस कदम अबतक नहीं उठाया है जिसके चलते ये बात साबित हो के कंपनी भी अपने पनेलिस्ट्स के लिए कुछ कर रही है जहाँ तक मेलिविन सर की गिरफ़्तारी की बात आई है उस बात से मुझे ये अबतक नहीं समझ में आया के कंपनी अपने ओफ्फिसिअल्स के लिए अगर अग्रिम जमानत ले सकती है तो क्या स्पिक एशिया पनेलिस्ट असोसिएशन जो उनके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर काम कर रहा है उनके अधिकारीयों को अग्रिम जमानत की जरुरत महसूस नहीं हो रही थी.

आज दोपहर २ बजे श्री मेल्विन सर को मुंबई के किला कोर्ट में पेश किया जायेगा और फिर १४ दिन के रिमांड पर भेज दिया जायेगा और २८ नवम्बर की डेट को और १ महीने के लिए आगे बढे जायेगा क्यों के इ.ओ.डब्लू की जांच जो चल रहिओ है.... और पता नहीं ये सिलसिला कब तक जारी रहेगा.. क्या इसका कोई अंत है भी या नहीं..?... सोचने वाली बात है सोचिये और अपनी प्रतिक्रियाए जरुर दे

No comments:

Post a Comment